Tuesday, July 14, 2015

अमरनाथ से खतरनाक है यहां पहुंचना, 18570 फीट की है चढ़ाई

साभार दैनिक भास्कर
शिमला। कैलाश मानसरोवर की यात्रा सबसे कठिन मानी जाती है। उसके बाद अमरनाथ यात्रा का नंबर आता है। लेकिन हिमाचल प्रदेश के श्रीखंड महादेव की यात्रा अमरनाथ यात्रा से भी ज्यादा कठिन है। अमरनाथ यात्रा में जहां लोगों को करीब 14000 फीट की चढ़ाई करनी पड़ती है तो श्रीखंड महादेव के दर्शन के लिए 18570 फीट ऊचाई पर चढ़ना होता है।
श्रीखण्ड यात्रा के आगे अमरनाथ यात्रा की चढ़ाई कुछ भी नहीं है। ऐसा उन लोगों का कहना है जो दोनों जगह होकर आए हैं। श्रीखंड महादेव हिमाचल के ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क से सटा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस चोटी पर भगवान शिव का वास है। इसके शिवलिंग की ऊंचाई 72 फीट है। यहां तक पहुंचने के लिए सुंदर घाटियों के बीच से एक ट्रैक है। अमरनाथ यात्रा के दौरान लोग जहां खच्चरों का सहारा लेते हैं। वहीं, श्रीखण्ड महादेव की 35 किलोमीटर की इतनी कठिन चढ़ाई है, जिसपर कोई खच्चर घोड़ा नहीं चल ही नहीं सकता। श्रीखण्ड का रास्ता रामपुर बुशैहर से जाता है। यहां से निरमण्ड, उसके बाद बागीपुल और आखिर में जांव के बाद पैदल यात्रा शुरू होती है।
क्या है पौराणिक महत्व- पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत काल में पांडव श्रीखंड महादेव की चोटी तक इन्हीं रास्तों से गए थे। एक और कथा के अनुसार, यहां भस्मासुर राक्षस ने अपनी तपस्या से शिव से वरदान मांगा था कि वह जिस पर भी अपना हाथ रखेगा वह भस्म हो जाएगा। शिव ने भस्मासुर को यहीं भस्म किया था। आज भी यहां की मिट्टी व पानी दूर से लाल दिखाई देता है।
इस बार कैसा है यात्रा मार्ग- कुल्लू जिला के आनी उपमंडल के निरमंड खंड में 18570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव की यात्रा इस बार पहले से ज्यादा जोखिम भरी है। इस बार पार्वती बाग तक भले ही रास्ता ठीक है, लेकिन इससे आगे श्रीखंड तक पूरे रास्ते में बर्फ है और रास्ते का नामोनिशान गायब है। आनी से श्रीखंड यात्रा पर जाकर सकुशल वापस लौटे कुशाल सागर, गोल्डी,दीपू और रवि ने बताया कि वे लोग 3 जुलाई को आनी से श्रीखंड यात्रा के लिए रवाना हुए थे और 7 जुलाई को घर वापस लौट आए। कुशाल सागर ने बताया कि 4 जुलाई को उन्होंने सिंहगाड से कुंशा, 5 जुलाई को कुंशा से पार्वती बाग और 6 जुलाई को श्रीखंड महादेव के दर्शन कर रात को थाचडू में विश्राम किया था। जबकि 7 जुलाई को थाचडू से सफर शुरू कर सकुशल घर लौट आये थे।
नहीं पिघले हैं ग्लेशियर- कुशाल सागर ने बताया कि भीम डवारी से कुछ आगे पहला ग्लेशियर मिला। जबकि पार्वती बाग के बाद केवल बर्फ ही बर्फ है। रास्ता लगभग गायब है, ग्लेशियरों की गिनती कर पाना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि पूरा रास्ता उन्होंने डंडे के सहारे पार किया। उन्होंने बताया कि हालांकि सोमवार को इस यात्रा के दौरान सोलन जिले के युवक की मौत हो जाने के बाद प्रशासन द्वारा आधिकारिक तौर पर 17 जुलाई से यात्रा आरंभ करने और उससे पहले यात्रा पर न जाने की चेतावनी जारी की गई है। बावजूद इसके हर रोज करीब 40 से 50 श्रद्धालु यात्रा पर निकल रहे हैं।
लग चुके हैं यात्रियों के लिए टेंट- कुछ यात्री रास्ते से भी वापस आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि बराहटीनाल, सिंहगाड, डंडाधार,थाचडू, काली टॉप कालीघाटी, भीम तलाई, कुंशा, भीम डवारी में टेंट लग चुके हैं, जहां खाने, ठहरने की व्यवस्था लोगों द्वारा की गई है।
प्रशासन 17 जुलाई से शुरू करेगा यात्रा- एसडीएम आनी डॉक्टर चिरंजी लाल चौहान ने बताया कि प्रशासन द्वारा यात्रा 17 जुलाई से शुरू की जाएगी और अंतिम जत्था 27 जुलाई को सिंहगाड से रवाना किया जाएगा। जबकि 30 जुलाई को यात्रा बंद कर दी जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी है कि अभी मौसम और हालात बेहद खतरनाक हैं, ऐसे में तय समय से पहले यात्रा पर न जाएं।
विभिन्न स्थानों से दूरी
श्रीखंड महादेव पहुंचने के लिए शिमला जिला के रामपुर से कुल्लू जिला के निरमंड होकर बागीपुल और जाओं तक गाड़ियों और बसों में पहुंचना पड़ता है। जहां से आगे करीब तीस किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होती है।
शिमला से रामपुर - 130 किमी
रामपुर से निरमंड - 17 किलोमीटर
निरमंड से बागीपुल - 17 किलोमीटर
बागीपुल से जाओं - करीब 8 किलोमीटर

Saturday, July 4, 2015

Shrikhand Mahadev Yatra to Commence from 17 July 2015

Shrikhand Mahadev Yatra to Commence from 17 July 2015.                                        KULLU-MANALI: Shrikhand Mahadev Yatra, the toughest pilgrimage of the country, is going to start from July 17 and will conclude on July 31. Organizers believe that the yatra is expected to see a record number of devotees following suspension of Kedarnath yatra. The 28km yatra, passing through high mountains and deep valleys, would be organized under observation of police, administration, medical and search and rescue teams. Holy "chhadi" of Devi Bhimakali would be brought out on July 16, on the occasion of Dakshinayana Sankranti, and the procession will move to Singhad, the base camps of the yatra. The actual yatra will start from July 17.

Shrikhand Seva Mandal president Govind Sharma said: "This time, more than 15,000 pilgrims are expected to arrive here. The yatra starts from Nirmand (Kullu) and Rampur (Shimla). Last year, a majority of pilgrims were from Punjab, Gujarat and Maharashtra, besides Himachal Pradesh," he said. Kullu administration will make special arrangements to ensure safety, security and convenience of pilgrims. Special police force and medical teams would be deployed at several places along route of the yatra which starts at an elevation of 6,000ft at Singhad and ends at 17,000ft. Pilgrims would be allowed to take part in the yatra only after medical checkup. Sources said that pilgrims would have to cross several glaciers, avalanches, rivulets, steep mountain passes and five to 50 feet thick layer of snow. An official said that the yatra is organized officially for 15 days; however, pilgrims proceed for the yatra even in August which is extremely dangerous.

Generally, it takes at least four days to complete the yatra. For safety reasons, pilgrims have to get themselves registered with police before and after the yatra. Camps would be set up at various places for night stay, and police and medical teams would be equipped with oxygen cylinders, stretchers, emergency lights and other necessary equipment.

Officials from forest, revenue and IPH departments will also be present at various camps. Five pilgrims had lost their lives in yatra last year, which was finally suspended on July 24 following inclement weather. Govind Sharma said that camps would not be established at Parvati Bagh this year as crowd of pilgrims is destroying beauty of the place.

Sunday, June 24, 2012


2012 में श्रीखण्ड महादेव यात्रा 16 जुलाई से

श्रीखण्ड सेवा दल और स्थानीय प्रशासन ने वर्ष 2012 में श्रीखण्ड यात्रा की तिथि की घोषणा कर दी है। सभी शिव भक्तजनों को यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता होगी कि हर साल की भांति इस वर्ष भी 17वीं बार श्रीखण्ड महादेव कैलाश यात्रा 16 जुलाई 2012 (श्रावण संक्रांति) से शुरू होने जा रही है और श्रीखण्ड सेवादल के तत्वावधान में यह यात्रा 23 जुलाई तक जारी रहेगी।

Tuesday, May 24, 2011

श्रीखण्ड महादेव कैलाश यात्रा 15 जुलाई 2011 से

श्रीखण्ड सेवा दल और स्थानीय प्रशासन ने वर्ष 2011 में श्रीखण्ड यात्रा की तिथि की घोषणा कर दी है। सभी शिव भक्तजनों को यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता होगी कि हर साल की भांति इस वर्ष भी 16वीं बार श्रीखण्ड महादेव कैलाश यात्रा 15 जुलाई 2011 (श्रावण संक्रांति) से शुरू होने जा रही है और श्रीखण्ड सेवादल के तत्वावधान में यह यात्रा 23 जुलाई 2011 तक चलेगी। इस अवधि में 15 से 22 जुलाई तक श्रीखण्ड सेवादल द्वारा सिंहगाड से प्रतिदिन प्रातः 5 बजे यात्रा के लिए विधिवत जत्था रवाना किया जाएगा।
अधिक जानकारी के लिए श्रीखण्ड सेवादल के प्रबंधक श्री गोविन्द प्रसाद शर्मा (अरसू) से उनके मोबाइल नंबर 09805586411 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
चाहें तो मुझसे भी बेहिचक बात कर सकते हैं.... लेकिन क्योंकि मैं इन दिनों भोपाल में हूँ... इसलिए अपडेट जानकारी श्री गोविन्द शर्मा जी से ही मिल सकती है। मेरा नंबर है 9993109267
जय भोलेनाथ आपकी यात्रा मंगलमय हो.... सुरेन्द्र पॉल

Saturday, June 19, 2010

श्रीखण्ड महादेव कैलाश यात्रा 15 जुलाई 2010 से

सभी शिव भक्तजनों को यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता होगी कि हर साल की भांति इस वर्ष भी 15वीं बार श्रीखण्ड महादेव कैलाश यात्रा 15 जुलाई 2010 (श्रावण संक्रांति) से शुरू होने जा रही है और श्रीखण्ड सेवादल के तत्वावधान में यह यात्रा 25जुलाई 2010 तक चलेगी। इस अवधि में 15 से 24 जुलाई तक श्रीखण्ड सेवादल द्वारा सिंहगाड से प्रतिदिन प्रातः 5 बजे यात्रा के लिए विधिवत जत्था रवाना किया जाएगा।

Friday, June 12, 2009

श्रीखण्ड महादेव कैलाश यात्रा 16 जुलाई 2009 से

सभी शिव भक्तजनों को यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता होगी कि हर साल की भांति इस वर्ष भी 14वीं बार श्रीखण्ड महादेव कैलाश यात्रा 16 जुलाई 2009 (श्रावण संक्रांति) से शुरू होने जा रही है और श्रीखण्ड सेवादल के तत्वावधान में यह यात्रा 23 जुलाई 2009 तक चलेगी। इस अवधि में 16 से 22 जुलाई तक श्रीखण्ड सेवादल द्वारा सिंहगाड से प्रतिदिन प्रातः 5 बजे यात्रा के लिए विधिवत जत्था रवाना किया जाएगा।

श्रीखण्ड सेवादल की ओर से आयोजित की जाने वाली 14वीं वार्षिक यात्रा के मुख्य आकर्षण

1. श्रावण संक्रांति तदनुसार 16 जुलाई 2009 के शुभ अवसर पर माता भीमाकाली सराहन बुशहर के ध्वज के सिंहगाड शिविर में आगमन पर भव्य स्वागत। अगले दिन प्रातः पहले जत्थे की श्रीखण्ड महादेव के लिए रवानगी।
2. इस बार लगातार तीसरी बार अखिल भारतीय मानसरोवर कैलाश यात्रा समिति के पदाधिकारियों का श्रीखण्ड कैलाश यात्रा हेतु 15 जुलाई 2009 को सिंहगाड में आगमन।
3. सिंहगाड में प्रतिदिन सायं 6 बजे से महाआरती, सत्संग तथा भजन संध्या।
4. सिंहगाड में प्रतिदिन 6 बजे योग शिविर।
नोटः यह स्थान समुद्रतल से लगभग 18000 फुट की ऊंचाई पर है जिस कारण यहां मौसम ठण्डा रहता है। अतः यात्रियों से अनुरोध है कि अपने साथ, गर्म कपड़े, कम्बल, छाता, बरसाती व टार्च साथ लाएं। इस यात्रा की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ व प्लास्टिक के लिफाफे साथ न लाएं। यात्रियों से निवेदन है कि पूर्ण रूप से स्वस्थ होने पर ही इस यात्रा में भाग लें। श्रीखण्ड सेवादल कोई सरकारी सहायता प्राप्त संस्था नहीं है, सारा आयोजन सदस्यों के सहयोग से किया जाता है।